Monday, April 19, 2010

Raag- Saakhi

कूदक फुदक कर फुर फुर चिड़िया कर गयी सर पर बीट,
पुष-कर बटन दबावे फिर भी कम न होवे हीट,
Cattle क्लास, खा गयी घास, कहाँ बिछावे सीट,
मोदी काका लगे उड़ाने दुष्ट गुलाबी कीट,
जन-जन-मन को जो भरमावे, तख्ते तोड़े ताज उडावे,
की-बोर्ड पर कीं कीं गावे, कौन है ऐसा ढीठ ?
क्यों सखी साजन ?
ना सखी Tweet .

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Still exploring myself. Yet to understand this 'me'.